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आये बेलगाड़ी से ओर स्वयं हुए विराजमान श्री गणेश

भौंरासा के मंदिर में चैतन्य

चमत्कारी प्रतिमा

देवास। भौंरासा बाबा भवॅरनाथ कि नगरी के नाम से विख्यात है। यहां नगर के बीचो-बीच श्री गणेश मोहल्ला क्षैत्र में स्थित गणेशधाम मंदिर में स्वयं भू स्थापित प्रतिमा स्वतः संसार में पहली गणेश प्रतिमा होगी जो मंदिर में किसी के द्वारा स्थापित नही की गई अपितू स्वयं ही भू स्थापित हो गई। यहा पर दूर-दूर से श्रृद्वालु दर्शन करने आते है। तथा श्री गणेश जी सभी भक्तो की मनोकामनाएॅ पूरी करते हे जब किसी के घर विवाह समारोह हो या शुभ कार्य की शुरूआत होती है, तो पहले पाती श्री सिध्द विनायक गणेश के यहा रखना कोई नही भूलाता ओर श्री सिध्द विनायक गणेश भी सभी के शुभ काम को सवारने के लिए आर्शिवाद देना नही भूलते हैं। श्री गणेश जी की मूर्ती प्रतिमा मूर्तीकला की बेजोड़ कारीगिरि तो हे ही साथ में चमत्कारी भी हे यहा दर्शन मात्र से श्रृध्दालूओ को अत्मिक शांति मिलती हे श्रृध्दलू बताते हे कि यहा माथा टेकने से मन की मनोकामनए पूरी होती हे वे इसके प्रमाण में कई किस्से सुनाते है। मूर्ती के बारे में मंदिर के पुजारी महंत संतोष गिरी गोस्वामी ने बताया की गणेश जी की इस अदभुत अति प्राचीन चेतन्य प्रतिमा को कुछ लोग लगभग 400 वर्ष पहले जयपुर से लेकर आए थे जो बेलगाड़ी से बागली जा रहे थे रात्री विश्राम के लिए भौंरासा नगर में महंत नाथूगिरि गोस्वामी के मठ पर रूक गये गणेश प्रतिमा बेलगाड़ी में रखी थी किन्तु जब सुबह उठकर देखा तो प्रतिमा बेलगाड़ी से गायब होकर अपने मठ में विराजमान हो चुकि थी तब बागली के लोगो ने प्रतिमा को बागली ले जाने के लिए उठाने का प्रयास किया तो प्रतिमा उठना तो दूर वहा से हिली तक नही अखिरकार थक हार कर वे लोग खाली हाथ बागली लोट गये तथा बाद में महंत तथा भौंरासा वासियो ने उक्त प्रतिमा की पूरी विधी विधान से स्थापना की तब से आज तक हजारो श्रृध्दालुओ की मनोकामनाए पूरी हुई। इसी प्रकार गणेश स्थापना के अवसर पर प्रति वर्ष नगर परसाई संजय जोशी अजब सिंह धाकड़ नविन डोडिया अन्ना भैया की और से महा आरती कर क्विंटल से लड्डुओ का भोग लगाया जाता है प्रतिमा हेतू शिर्डी महाराष्ट्र से विषेश गुलाब की पुष्पमाला भक्त द्वारा मंगवाई जाती हे।

महिलाओं की सुनी गोद भर जाती है यहाॅ की मान से


यहाॅ पर जिन महिलाओं को बच्चे नही होते है वह अगर यहाॅं पर आकर सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करते है उल्टा स्वास्तीक बनाकर मन्नत मांगते है उनके यहाॅं साल भर के अंदर महिलाओं की सुनी गोद भर जाती है। ऐसे एक दो नही कीई उदाहरण है जिनको बारह बारह साल तक कोई संतान नही थी उन्होने गणेशजी के यहाॅं उल्टा स्वास्तीक व मन्नत मांग कर उनके यहाॅं गणेश चतुर्थी के दिन ही संतान की प्राप्ती हुई है । संतान प्राप्ती के बाद संतान का तुलादान किया जाता है
और साथ ही भाजपा नेता अजाबसिंह धाकड़ द्वारा गत वर्ष क्षेत्रीय विधायक डॉ राजेश सोनकर के विधानसभा चुनाव जीतने पर मन्नत की गई थी जिससे चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे डॉ राजेश सोनकर चुनाव जीत गए जिससे अपनी मन्नत पूर्ण कर सवा क्विंटल लड्डूओ का भोग लगा जायेगा मन्नत पूरी करने के लिए स्वय विधायक सोनकर की उपस्थिति रहेगी जहा आरती कर प्रसाद वितरण किया जायेगा

इनका कहेनां है


व्यपारी बालकृष्ण गर्ग—- का कहना हे की हमारे नगर की इस चेतन्य एंव चमत्कारी श्री गणेश प्रतिमा के दर्शन मात्र से सारे काम शुभ फलदाई होते हे आज में जो भी हूॅ श्री गणेश भगवान के आर्शिवाद से हूॅ।

महंत संतोषगिरि गोस्वामी–
मंदिर के पुजारी

—कहते हे की हमारे परिवार की पिछली 5 पीढी भगवान श्री गणेश की सेवा एंव पूजा अर्चना कर रही हे जिससे भगवान गणेश के आर्शिवाद से आज भी सारे काम सफलता पूर्वक होते आ रहे हे एंव मन को अभिन्न शांति प्राप्त होती है।

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