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कार्यक्रम हुआ रंगारंग, देवास जिला जेल बना नंबर वन

देवास जिला जेल को मिला

आईएसओ प्रमाण पत्र

जिला जेल का वातावरण

देख अतिथियों ने की प्रशंसा


कैदियों ने खेली कबड्डी,

कार्यक्रमों की दी रंगारंग

प्रस्तुति

ललित शर्मा देवास।

बुधवार को देवास जिला जेल परिसर में आनंद महोत्सव के समापन अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति कैदियों द्वारा दी गई। इसके पूर्व कबड्डी का फायनल मुकाबला हुआ, जिसमें विजेता टीम की अतिथियों ने प्रशंसा की। साथ ही जिला जेल परिसर का वातावरण देखकर अतिथि खुश हुए और उन्होंने जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे तथा जेलर अनिल दुबे की प्रशंसा की। कबड्डी के फायनल मुकाबले के बाद एक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस महानिरीक्षक जेल भोपाल अरविंद कुमार उपस्थित थे। वहीं विशेष अतिथि के रूप में स्टेट प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, एएसपी मनजीतसिंह चावला उपस्थित थे। अतिथियों के आगमन पर सर्वप्रथम गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। तत्पश्चात अतिथियों ने कबड्डी का फायनल मुकाबला देखा। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों का सम्मान जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे, जेलर अनिल दुबे सहित कन्नौद के जेलर जे.एस. दुबे, शाजापुर जेल के जे.एम. गौतम ने पुष्पगुच्छ भेंट कर किया। स्वागत के पश्चात कैदियों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी, जिसे देखकर वहां उपस्थित अतिथि व पुरुष व महिला कैदियों ने तालियां बजाकर सराहा। सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात पुरस्कार वितरण किया गया। अतिथियों ने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो भेंट कर प्रतिभागियों का हौंसला बढ़ाया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस महानिरीक्षक जेल अरविंद कुमार ने कहा कि जेल परिसर को देखकर तथा यहां का वातावरण देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा है कि हम जेल परिसर के अंदर हैं। स्कूल तथा अस्पताल या अन्य शासकीय संस्थान जैसी अनुभूति यहां आकर हो रही है। उन्होंने जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे के प्रयासों की खुले दिल से प्रशंसा की। उन्होंने जेल की दीवारों पर चित्रकारी को देखा तथा परिसर में साफ-स्वच्छ वातावरण को लेकर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी यहां आयोजित कार्यक्रम में मैं यहां आया था। तब भी वातावरण अच्छा था और अब यहां इतना बड़ा बदलाव देखकर प्रसन्नता हो रही है। अपने उद्बोधन में उन्होंने लक्ष्मीलाल सूरजबाई मारू पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा जेलों में एलईडी उपलब्ध कराने के कार्य की भी सराहना की। अपने उद्बोधन के पश्चात पुलिस महानिरीक्षक जेल अरविंद कुमार ने जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे को आइएसओ सर्टिफिकेट भेंट किया। कार्यक्रम को श्री खारीवाल ने भी संबोधित किया और कहा कि ट्रस्ट द्वारा जो एलईडी भेंट करने का काम किया गया है, वह सराहनीय है। ट्रस्ट ने उस वर्ग का ध्यान रखा है, जिसका कोई ध्यान नहीं रखता है। उनके बारे में इस तरह की सोच रखना सराहनीय है। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। वहीं ट्रस्ट के मनीष मारू द्वारा टेस्ला एलईडी टीवी देवास जेल अधीक्षक सहित अन्य जिला जेल के लिए भी सौंपे गए। उल्लेखनीय है कि पिछले तीन दिनों से जेल परिसर में अमृत महोत्सव के तहत आनंद महोत्सव मनाया जा रहा था, जिसमें विभिन्न खेल प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस अवसर पर नगर पुलिस अधीक्षक विवेकसिंह चौहान, नाहर दरवाजा थाना प्रभारी रमेश देथलिया सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का सफल संचालन फार्मासिस्ट डॉक्टर वैशाली भारद्वाज ने किया तथा आभार जेलर अनिल दुबे ने माना।

कव्वाली और नृत्य देखकर

चौंक गए अतिथि

किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि जेल परिसर में इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम हो सकते हैं और इतने अच्छे कलाकार कैदियों में मिल सकते हैं। जेल अधीक्षक तथा जेलर के प्रयासों से यह सब संभव हो सका और जब अतिथियों ने कव्वाली और नृत्य का कार्यक्रम देखा तो वे चौंक गए। कव्वाली गाने वाले कलाकार ने ऐसी हुबहू आवाज निकाली कि सब मंत्रमुग्ध हो गए। वहीं महिला एवं पुरुष कैदियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम को सभी ने सराहा। खास बात यह है कि महिला एवं पुरुष कैदियों द्वारा जिस तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए थे, उसी तरह की वेशभूषा उन्हें उपलब्ध कराई गई थी, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और अधिक बढ़ गई।

कैदियों की स्फूर्ति देख कहा,

अच्छा बनता है जेल में

खाना

सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कैदियों की स्फूर्ति देखकर तथा हैरतअंगेज कारनामे देखकर अपने उद्बोधन में पुलिस महानिरीक्षक जेल अरविंद कुमार ने कहा कि कैदियों में जिस तरह की स्फूर्ति देख रहा हूं इससे निश्चित है कि जेल में खाना अच्छा बनता है। क्योंकि अच्छा खाना खाने पर ही ऐसी स्फूर्ति आती है। कार्यक्रम के दौरान कैदियों द्वारा जो हैरतअंगेज दृश्य दिखाए गए उसको लेकर उन्होंने हास- परिहास के अंदाज में कहा कि देखना जेल की दीवार 6 मीटर की है, यदि थोड़ी और ऊंची छलांग लगाए तो बच्चा दीवार के दूसरी तरफ गिरेगा। यह सुनकर सब खिलखिला उठे।

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