FEATUREDLatestNews
Trending

निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप हो ध्वनि विस्तारक यंत्रो का उपयोग

देवास जिले में ध्वनि प्रदूषण की जाँच के लिये उड़नदस्ते गठित


  देवास 15 दिसम्‍बर 2023/ कलेक्‍टर एवं जिलादण्‍डाधिकारी श्री ऋषव गुप्‍ता ने माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायाय, माननीय उच्‍च न्‍यायालय एवं माननीय राष्‍ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के दिशा-निर्देशों, ध्‍वनि प्रदूषण(विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 तथा मध्‍य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के प्रावधानों के सम्‍यक अनुपालन के लिए आदेश जारी किये है।

  कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने निर्देश दिये है कि ध्‍वनि प्रदूषण(विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के अनुसार विभिन्‍न क्षेत्रों औद्योगिक, वाणिज्‍यक, रिहायसी व शांत क्षेत्र में दिन व रात के समय अधिकतम ध्‍वनि तीव्रता निर्धारित की गई है। जिमसे इंडस्‍ट्रीयल एरिया में दिन में 75 और रात में 70 डीबी(ए), कमर्शियल एरिया में दिन में 65 और रात में 55, रेसिडेंशिलय एरिया में दिन में 55 और रात में 45 तथा साईलेंस झोन में दिन मे 50 और में 40 डीबी(ऐ) निर्धारित है।

  कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने देवास जिले में ध्‍वनि प्रदूषण के संबंध में शिकायते प्राप्‍त होने पर त्‍वरित जांच कर कार्यवाही निष्‍पादित करने के लिए अतिरिक्‍त जिला दण्‍डाधिकारी देवास को नोडल अधिकारी बनाया है। जिले में ध्‍वनि प्रदूषण मामलों की जांच के लिए उड़नदस्‍तों का गठन भी किया गया है। जिला पर्यावरण अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देवास, संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार तथा थाना प्रभारी को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है।  

  कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने निर्देश दिये है कि उड़न दस्ता दल नियमित एवं आकस्मिक रूप से निर्धारित उपकरणों के साथ धार्मिक सार्वजनिक स्थानों का औचक निरीक्षण करें, जहाँ ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग होता हो तथा प्राप्त शिकायतों की आकस्मिक जाँच करें तथा नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाये। तत्काल जाँच कर अधिकतम 03 दिवसों के अन्दर समुचित जाँच प्रतिवेदन सम्बन्धित प्राधिकारी (अनुविभागीय दण्डाधिकारी) के समक्ष किया जाये। आवास एवं पर्यावरण विभाग दवारा उनके सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों को जिलेवार आवंटन कर उनके सम्पर्क नम्बर सहित इसकी सूचना नोडल अधिकारी (अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी देवास) को उपलब्ध करावे, जिससे जिले में उडनदस्ते के संचालन में कोई कठिनाई की स्थिति निर्मित नहीं हो सके।

  समस्त उड़नदस्तों द्वारा अपनी औचक जाँचों की रिपोर्ट सम्बन्धित क्षेत्राधिकार वाले प्राधिकारी के समक्ष प्रकरण में आगामी कार्यवाही के लिए प्रेषित की जायेगी तथा उक्त प्राधिकारी कार्यवाही कर उसकी सूचना मासिक रूप से जिला स्तर के नोडल अधिकारी को दी जावेगी। संकलित साक्ष्य एवं उडनदस्ते द्वारा की गयी प्रारम्भिक जाँच प्रतिवेदन एवं उपलब्ध तथ्यों के आधार का अवसर पर समुचित प्राधिकारी नियमों के उल्लंघनकर्ता प्रबन्धक/सम्बन्धित व्यक्ति को समुचित सुनवाई प्रदान करने के लिए अविलम्ब विधिवत नोटिस जारी करने की कार्यवाही करेंगे। अनावेदक को सुनवाई का अवसर देने के उपरान्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी यथावश्यक धारा 133 दण्ड प्रक्रिया संहिता की कार्यवाही पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही विधिवत सुनिश्चित करें। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय भोपाल नोडल अधिकारी नियत किये गये हैं, उनके द्वारा ध्वनि प्रदूषण के संबंध में जिलों से प्राप्त सूचना संकलित कर म.प्र. शासन गृह विभाग को उपलब्ध कराई जायेगी।

  समस्त संबंधित धर्म गुरुओं से संवाद व समन्वय के आधार पर अवैध लाउडस्पीकरों को हटवाया जाये तथा निर्धारित डेसिबल का अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। ऐसे धर्म स्थलों की थानावार सूची बनाई जाये जहां उक्त नियमों/आदेशों का अनुपालन होना नहीं पाया गया है तथा इसकी साप्ताहिक समीक्षा की जाकर आवश्यक विधिवत कार्यवाही उपरात पालन प्रतिवेदन गृह विभाग म.प्र. शासन को उपलब्ध कराये। ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डी.जे.) के नियम विरुद्ध अनियंत्रित व अवांछित प्रयोग से आपस में विवाद व तनाव की घटनाये निर्मित होने की स्थिति में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरुद्ध व अनियंत्रित प्रयोग पर प्रभावी नियंत्रण की कार्यवाही की जाये। ध्वनि प्रदूषण ( विनियमन और नियंत्रण ) नियम 2000 यथासंशोधित के नियम 3(1) तथा 4(1) के अनुसार नियमावली के शेड्यूल में अंकित अनुमत्य अधिकतम ध्वनि सीमा (डेसिबल में) अन्तर्गत ध्वनि मानकों के प्रावधानों का पालन करते हुए सामान्यतः मध्यम आकार के अधिकतम 02 डी. जे. के प्रयोग को ही अनुमत्य किया जाये। डी.जे. व लाउडस्पीकर की विधिवत अनुमति सक्षम स्तर से अवश्य ली जाये।

  किसी भी संस्था/व्यक्ति द्वारा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 यथासशोधित के प्राविधानों का पालन करते हुए ही ध्वनि विस्तारक यंत्र/लाउडस्पीकर/डी.जे. का प्रयोग किया जा सकेगा। ऐसे कार्यक्रम जिनमें नियमों का पालन न करते हुए डी.जे. या ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का अनियंत्रित रूप में प्रयोग किया जाता हैं, उनके आयोजकों के विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जावे। यदि पाया जाता है कि किसी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी जिसका ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 यथासंशोधित के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराने का दायित्व था परन्तु उसके द्वारा ऐसा न करने के कारण किसी धार्मिक विस्तारक स्थल/सार्वजनिक स्थल अथवा कार्यक्रम में नियम विरुद्ध ध्वनि यंत्र/लाउडस्पीकर/डी.जे. प्रयोग में लाया गया हो तो जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध यथोचित अनुशासनात्मक कार्यवाही सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जावेगी। उक्त निर्देशों का निरंतरता के साथ कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button