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रसोई गैस की गिरी कीमतों से हर एजेंसी को लाखों का नुकसान

एजेंसी संचालकों की मांग,

कंपनियां व सरकार करे

भरपाई


देवास।
 केंद्र की मोदी सरकार ने भले ही देशभर में रसोई गैस की कीमतों में 200 रुपए कम करके जनता को राहत दे दी हो, लेकिन इस निर्णय से देशभर के एलपीजी सिलेंडर वितरकों को करोड़ों रूपए का नुकसान भुगतना पढ़ रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई योजना से डिस्ट्रीब्यूटरों को हुए नुकसान की भरपाई भारत सरकार से कराए जाने की मांग को लेकर देवास-शाजापुर एलपीजी वितरक संघ ने सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी के नाम कार्यालय पर प्रतिनिधि मनीष सोलंकी को आवेदन सौंपा। संघ के सुनील नाहर और राजीव यादव ने बताया कि रक्षाबंधन के अवसर पर लाड़ली बहनों को केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए तोहफे के निर्णय से हर डिस्ट्रीब्यूटर्स को करीब 1 से लेकर 4 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है। डिस्ट्रीब्यूटर्स ने इसको लेकर आंदोलन शुरू किया है और ऑयल कंपनियों से नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। इसके साथ ही सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स अब डिलीवरी नहीं उठाने पर भी विचार कर रहे हैं। केन्द्र सरकार ने 29 अगस्त को जो घोषणा की उससे जनता को तो राहत मिल गई, लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर्स को बड़ा नुकसान हुआ है। देवास-शाजापुर की तीनों तेल कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल की लगभग 150 से ज्यादा गैस एजेंसियां है। हर एजेंसी के पास गोदाम में करीब 300 से 600 सिलेंडर का स्टॉक रहता है। नियमानुसार ये स्टॉक रखना हमें जरूरी होता है। क्योंकि कभी कोई इमरजेंसी आती है और ऑयल कंपनियों से सप्लाई प्रभावित होती है तो हमें स्टॉक से आपूर्ति करनी होती है, ताकि जनता को परेशान न होना पड़े। कीमतें कम होने से अब गोदामों में पड़ा स्टॉक जो पुरानी रेट्स पर था वह कम हो गया, जिसका सीधा नुकसान डिस्ट्रीब्यूटर्स को हुआ है।
फेडरेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि जिस दिन दोपहर 3 बजे 200 रुपए कटौती का ऐलान किया गया, उस दिन भी कंपनियों ने लगातार बिलिंग करके स्टॉक भिजवाया। कई एजेंसियों को क्रेडिट पर स्टॉक देर शाम तक भिजवाया गया, जिससे एजेंसियों को बहुत घाटा हुआ है। देवास-शाजापुर एलपीजी वितरक संघ ने कंपनियों व सरकार से मांग की है कि वितरकों को हुए नुकसान की भरपाई शीघ्र ही कम्पनी व केन्द्र सरकार द्वारा की जाए। इस अवसर पर देवास, शाजापुर, मक्सी, आगर, आष्टा, सोनकच्छ, कालापीपल, शुजालपुर के आईओसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल आयल कम्पनियों के वितरक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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