देवास। यदि समग्र राजपूत समाज को विकास की गति देना और समाज का उत्थान करना है तो हमारी रूढ़ीवादी परंपराओं को त्यागना होगा तथा समाज के युवा वर्ग को शिक्षा की ओर ध्यान देना होगा। आने वाली पीढ़ी शिक्षित होगी तो निश्चित रूप से इसका लाभ राजपूत समाज को मिलेगा। उक्त बात समीपस्थ ग्राम बड़ीचुरलाय में आयोजित युवा राजपूत सामाजिक विचार मंच द्वारा आयोजित राजपूत समागम कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष अभा क्षत्रिय महासभा युवा विंग के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्रसिंह राजपूत ने व्यक्त किये। इस अवसर पर अतिथि के रूप में पूर्व नप अध्यक्ष राजवीरसिंह बघेल, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष उज्जैन जयसिंह दरबार, पत्रकार अनिलराजसिंह सिकरवार, महेंद्रसिंह बैस, चांदसिंह चंदेल, महेशसिंह राजपूत, धर्मेंद्रसिंह बैस, करणी सेना जिलाध्यक्ष सुरेंद्रसिंह गौड़, अजयसिंह परिहार, पंकजसिंह राणा, जीतसिंह चौहान, नागेंद्रसिंह रायबरेली उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत समिति के संयोजक अर्जुनसिंह बैस, बंटी बैस, पवनसिंह खिंची टोंककला, राजेंद्र सिंह बड़ीचुरलाय आदि ने किया। इस अवसर पर शाजापुर जिले के ग्राम मायापुर मंगरोला व सारंगपुर से आए सामूहिक विवाह समिति के भी पदाधिकारियों का शाल, श्रीफल से स्वागत अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अन्य अतिथियों ने भी बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि राजपूत समाज में अभी भी शिक्षा की कमी है। खासकर लड़कियों को शिक्षित करने में कोताई बरती जाती है। इसीलिए अब लड़कों की तरह लड़कियों को भी उच्च शिक्षा प्रदान करना चाहिए। साथ ही समाज के गरीब तबके को मदद करने के लिए भी संपन्न राजपूतों को आगे आना चाहिए। अतिथियों ने यह भी कहा कि समाज में मृत्युभोज बंद होना चाहिए और सामूहिक विवाह सम्मेलनों को सफल बनाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन मनोहरसिंह चौहान ने किया एवं आभार धीरजसिंह चौहान ने माना।
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