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शादी एवं वैवाहिक कार्यक्रम पर 15 मई तक प्रतिबंध लगाया

कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला ने जारी किए आदेश

देवास, 05 मई 2021/ कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री चंद्रमौली शुक्ला द्वारा जिले में होने वाली शादी एवं वैवाहिक कार्यक्रम पर दिनांक 15.05.2021 तक प्रतिबंध लगाया गया है। जारी आदेशानुसार जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुये मध्यप्रदेश शासन, गृह विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश के अनुक्रम पूर्व में दिनांक 28.04.2021 को जारी प्रतिबन्धात्मक आदेश के गतिविधियाँ जिन्हें कोरोना कर्फ्यू में प्रतिबंध से छूट रहेगी के अनुक्रमांक 5 में संशोधन करते हुए जिले में होने वाली शादी एवं वैवाहिक कार्यक्रम पर दिनांक 15.05.2021 तक प्रतिबंध लगाया जाता है। शेष आदेश यथावत रहेंगे।

कोविड के संकट काल में देवास जिले के चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ में सेवाएं निरंतर दें, आनाकानी करने पर होगी कार्रवाई-कलेक्टर श्री शुक्ला

कोविड मरीजों की सेवा एवं ईलाज पहली प्राथकिता में हैं

कोविड मरीजों के ईलाज एवं सेवा के लिए बाध्य है सभी, चिकित्सकीय कार्य में लापरवाही नहीं कर सकते

कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला ने जारी किए आदेश

देवास 05 मई 2021/ कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री चंद्रमौली शुक्ला ने जिले  समस्त शासकीय एवं निजी चिकित्सकीय संस्थानों में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं, जैसे डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी पैरामेडीकल स्टॉफ, स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत स्वच्छता कार्यकर्ता, मेडिकल, एंबुलेंस सेवाएं आदि को अति आवश्यक सेवाओं में कार्य करने वालों आदेश दिए हैं कि कोरोना के इस संकट काल में निरंतर सेवाएं दें। सेवा कार्य में आनाकानी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


जारी आदेश में उल्लेखित है किजिले में पिछले कुछ दिनों से इस आशय की सूचना प्राप्त हो रही है कि कुछ अस्पतालों में चिकित्सक, नसिंग स्टॉफ, पैरामेडीकल स्टॉफ, चतुर्थ श्रेणी स्टॉफ एवं अन्य स्टॉफ कोविड ईलाज की डयूटी करने में आनाकानी कर रहे है एवं किसी न किसी बहाने से इयूटी पर न आना, अस्पताल से नौकरी छोड़ कोविड ईलाज से मुक्ति पाना अथवा जानबूझ कर कार्य ठीक से नहीं करना आदि कृत्य कर रहे हैं।

जिससे अस्पताल प्रबंधन को कोविड मरीजों के ईलाज एवं सेवा करने में असुविधा हो रही है। मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग द्वारा मध्य प्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्नता निवारण अधिनियम 1979 की धारा -4 की उपधारा (1) के तहत समस्त शासकीय एवं निजी चिकित्सकीय संस्थानों में/ के लिए समस्त स्वास्थ्य सुविधाएं, जैसे डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मी पैरामेडीकल स्टॉफ, स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत स्वच्छता कार्यकर्ता, मेडीकल, एंबुलेंस सेवाएं आदि को अति आवश्यक सेवाओं में कार्य करने से इनकार किए जाने का प्रतिषेध किया गया।

इस आदेश के माध्यम से समस्त अस्पताल प्रबंधकों को यह निर्देश दिए हैं कि उनके यहां कार्यरत समस्त पैरामेडिकल स्टाफ तथा चिकित्सकीय कार्य में लगे अन्य व्यक्तियों को यह स्पष्ट किया जाए कि यह जिला वर्तमान में National Disaster Management Act – 2005 तथा The Epidemic Disease Act 1897 के तहत् नोटिफाईड है तथा चिकित्सा सुविधा अत्यावश्यक सेवाओं के अधीन आती है, लापरवाही कर रहे ऐसे चिकित्सा सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों को यह भी स्पष्ट किया है कि वे कोविड मरीजों के ईलाज एवं सेवा हेतु बाध्य है

तथा चिकित्सकीय कार्य में लापरवाही नहीं कर सकते, बिना अस्पताल प्रबंधन की सहमति के अस्पताल में कार्यरत कोई भी स्टॉफ मेडिकल अवकाश पर जाने का प्रयास करता है तो उसका मेडिकल परीक्षण सिविल सर्जन के अधीन मेडिकल बोर्ड द्वारा करवाया जाना बाध्यकारी होगा तथा अगर आवश्यकता लगी तो पुलिस की सहायता भी ली जाएगी।

अगर शासकीय मेडिकल बोर्ड के परीक्षण में यह पाया गया कि बिना किसी कारण संबंधित मेडीकल स्टॉफ दवारा मेडिकल अवकाश लिया गया है तो अस्पताल प्रबंधन की शिकायत पर संबंधित अधिनियम एवं आई.पी.सी. की धाराओं के तहत ऐसे लापरवाह उपरोक्त उल्लेखित चिकित्सकीय, मेडिकल स्टॉफ के विरुद्ध कार्यवाही हेतु प्रकरण पुलिस को सौंपा जावेगा। सभी चिकित्सालयों को यह आदेशित किया जाता है कि ऐसे कर्मचारियों की सूची जिला दंडाधिकारी कार्यायल को तत्काल प्रस्तुत करें । यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।

देवास जिले में कोई भी प्राईवेट अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक में स्थित प्राईवेट अथवा जनरल वार्ड में स्थित बेड की दर में सामान्य वृद्धि कर सकेगा

40 प्रतिशत वृद्धि में सभी अन्य प्रकार के खर्चे (पी.पी.ई किट सहित) सम्मिलित रहेंगे

प्री-कोविड समय ( फरवरी-मार्च 2020 ) में बेस रेट में अधिकतम 40 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकेगा

देवास, 05 मई 2021/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी चन्द्रमौली शुक्ला ने आदेश किए हैं कि जिले में कोई भी प्राईवेट अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक में स्थित प्राईवेट अथवा जनरल वार्ड में स्थित बेड की दर उसके प्री-कोविड समय (फरवरी-मार्च 2020) में बेस रेट Base Rate में अधिकतम 40 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकेगा, 40 प्रतिशत वृद्धि में सभी अन्य प्रकार के खर्चे (पी.पी.ई किट सहित) सम्मिलित रहेंगे। इससे अधिक की वृद्धि नहीं की जा सकेगी। उक्त आदेश का उल्लंघन किये जाने पर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी ।


जारी आदेशानुसार जिले में पिछले कुछ दिनों से इस आशय की सूचना प्राप्त हो रही है कि विभिन्न निजी अस्पताल में उपचाररत कोविड मरीजो के ईलाज उपरांत जो बिल तैयार किये जा रहे है, वह उस अस्पताल में प्रदत्त सुविधाओं, उपकरणों, चिकित्सा विशेषज्ञों तथा अन्य सुविधाओं की तुलना में अधिक है एवं बिल की दरों में भिन्नता व असमानता की शिकायत निरंतर प्राप्त हो रही है। इस संबंध में कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला ने म.प्र. दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144. National Disaster Management Act-2005 The Epidemic Disease Act, 1897 मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, भोपाल, म.प्र . लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेशानुसार जिले में आदेश जारी किए हैं।


जारी आदेशानुसार कोई भी प्राईवेट अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक में स्थित प्राईवेट अथवा जनरल वार्ड में स्थित बेड की दर उसके प्री-कोविड समय (फरवरी-मार्च 2020) में बेस रेट Base Rate में अधिकतम 40 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकेगा, 40 प्रतिशत वृद्धि में सभी अन्य प्रकार के खर्चे (पी.पी.ई किट सहित) सम्मिलित रहेंगे एवं इससे अधिक की वृद्धि नहीं की जा सकेगी। उक्त आदेश का उल्लंघन किये जाने पर संबंधितों के विरुद्ध विभिन्न प्रावधानों, अधिनियम, शासन के नोटीफिकेशन के उल्लंघन के फलस्वरूप उचित कार्यवाही की जायेगी।

अगर कोई निजी अस्पताल इस आदेश के विरूद्ध कोई बिल तैयार करता है तो उसकी शिकायत नगरीय क्षेत्र में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, देवास एवं ग्रामीण क्षेत्र मे संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को करेंगे। उपरोक्त अधिकारीगण इस हेतु अनुपुरक आदेश जारी कर तत्काल जांच दल गठित करें ।

उक्त अधिकारी देवास शहर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं उनके अधीनस्थ चिकित्सक/अधिकारी के साथ एवं ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित बीएमओ एवं उनके अधीनस्थ चिकित्सकों अधिकारी से प्राप्त शिकायतों की जांच अति शीघ्र पूर्ण करेंगे तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व  ए.डी.एम. के माध्यम से जिला दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। जिसके तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकें। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।

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