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शिक्षा विभाग की ढीलपोल, अभी तक नहीं मिली मूल्यांकन की राशि

महीनों बीत गए, अब अगली परीक्षा की तैयारी शुरु फिर भी नहीं जागा शिक्षा विभाग

देवास। लेटलतीफी के मामले में शिक्षा विभाग नए-नए रिकार्ड बनाता जा रहा है। वैसे शासकीय कामों में लेटलतीफी होती है यह जगजाहिर है, लेकिन कभी-कभी इतनी लेटलतीफी हो जाती है कि जिसे उन लोगों को स्वीकारना मुश्किल हो जाता है, जिनके हित प्रभावित होते हैं। मामला परीक्षा के मूल्यांकन की कॉपियों का है। प्रतिवर्ष परीक्षा के बाद हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल की परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन उत्कृष्ट विद्यालय नारायण विद्या मंदिर क्र. 2 में होता है। अमूमन मूल्यांकन पूरा होने और परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद मूल्यांकनकर्ताओं को कुछ इंतजार करने पर राशि मिल जाती है, लेकिन इस बार शिक्षा विभाग की लेटलतीफी नया रिकार्ड बना चुकी है। वार्षिक परीक्षाओं की कॉपी का मूल्यांकन अप्रैल माह में ही लगभग पूरा हो चुका था। इसके बाद परिणाम भी घोषित हो गए और मूल्यांकनकर्ताओं को राशि का इंतजार रहा। प्रमुख त्यौहार भी बीत गए, लेकिन मूल्यांकन की राशि उन्हें नहीं मिली। उनका यह इंतजार अभी भी जारी है। जबकि हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए वर्ष 2023 की परीक्षा हेतु न सिर्फ परीक्षा फार्म भरे जा चुके हैं, बल्कि फरवरी माह से प्रायोगिक परीक्षाएं भी शुरु होने वाली हैं। स्थिति यह हो गई है कि इन मूल्यांकनकर्ताओं को सही जानकारी भी नहीं मिल पा रही है कि आखिर उन्हें राशि कब मिलेगी। सूत्रों की मानें तो मूल्यांकनकर्ताओं को लगभग 50 लाख रुपए से अधिक का भुगतान होना है, लेकिन यह राशि अभी तक भोपाल से नहीं आई है। फलस्वरूप मूल्यांकनकर्ताओं के खाते में राशि अभी तक जमा नहीं हो पाई है। अक्सर मूल्यांकनकर्ताओं को यही जानकारी दी जाती रही है कि दो चार दिन में भुगतान हो जाएगा, लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी अभी तक न तो राशि देवास पहुंची है और न ही मूल्यांकनकर्ताओं के खाते में ट्रांसफर हुई है। जबकि अगली वार्षिक परीक्षा में एक-दो माह का समय ही शेष है। शिक्षा विभाग की इस लेटलतीफी व कार्य करने की गति को देखते हुए लगता है कि अभी राशि आने में और भी अधिक समय लगेगा। ऐसे में उन मूल्यांकनकर्ताओं की स्थिति को समझा जा सकता है, जिन्होंने भीषण गर्मी में अपनी वार्षिक छुट्टियों का त्याग कर पूरी तत्परता के साथ निर्धारित समयावधि में अपना कार्य पूर्ण किया। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग इस मामले में संज्ञान लेकर मूल्यांकनकर्ताओं के इस इंतजार को खत्म करता है या फिर लेटलतीफी जारी रहेगी।

यह सही है कि मूल्यांकनकर्ताओं की जो राशि उनके खाते में जमा होना थी, वह अभी तक नहीं हुई है। इसके लिए हमारे यहां की कार्यगति में कोई कमी नहीं है। हमने समय पर सारी जानकारी भोपाल भेज दी थी, लेकिन हमारा ईमेल ही चेक नहीं किया गया। बाद में एक बार पुन: जानकारी भेजी गई और रिमाइंडर भी भेजा, लेकिन अभी तक मूल्यांकनकर्ताओं की राशि नहीं भेजी गई है। हमारी भोपाल में चर्चा हुई है। उन्होंने आगामी दो-चार दिन में राशि भेजने की बात कही है। जैसे ही राशि प्राप्त होगी, सभी मूल्यांकनकर्ताओं के खातों में उनकी राशि जमा करा दी जाएगी। जो भी देरी हुई है, वह भोपाल से हुई है। हमारे यहां से इस कार्य में कोई ढीलपोल नहीं बरती गई है।
सुधीर सोमानी,
प्राचार्य
उत्कृष्ट विद्यालय ना.वि.मं.क्र. 2

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