देवास। अभाव का जीवन तथा गरीबी में संघर्ष कर जीवन यापन करने वालों की स्थिति क्या होती हैं, इसकी महज कल्पना न करते हुए इसे जीने और महसूस करने की क्षमता जिनमें होती हैं, वे न सिर्फ गरीबों के प्रति सहानुभूति रखते हैं बल्कि उच्च शिखर पर पहुंचने व धन संपन्न होने के बाद भी मानवता का धर्म कभी नहीं भूलते है। इतना ही नहीं वह अपने बच्चों को भी ऐसे ही संस्कार देते हैं।
मंगलवार को धनतेरस के अवसर पर शहर के एमजी रोड पर सड़क किनारे दुकान लगा कर बैठे दुकानदारों से सामान खरीदते समय सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी के दो मासूम पुत्रों में भी कुछ ऐसे ही संस्कार देखने को मिले। दरअसल सांसद श्री सोलंकी अपनी पत्नी व दोनो बच्चों के साथ धनतेरस के अवसर पर मंगलवार को माता लक्ष्मी पूजन की सामग्री खरीदने के लिए पहुंचे थे। शाम करीब 5 बजे जब वे कलेक्टर कार्यालय के सामने सड़क किनारे लगी दुकानों पर पहुंचे तो वहां उन्होंने मिट्टी के दीपक, हार फूल, पूजन सामग्री, प्रसाद व अन्य सामग्री खरीदी। इसी दौरान सांसद श्री सोलंकी के दोनों बच्चों ने इन दुकानदारों के बच्चों से हाथ मिला कर दीपावली की शुभकामनाएं दी। तभी ढोल बजाता हुआ एक बच्चा भी वहां पहुंचा जिसे भी इन बच्चों ने हाथ मिलाकर दीपावली की शुभकामनाएं दी व इन बच्चों को चॉकलेट और मिठाई दी। बाजार में जिसने भी यह सब कुछ देखा यही कहा कि, इसे कहते हैं संस्कारी बच्चे। साथ ही यह भी कहा कि माता पिता दूसरों के साथ जैसा व्यवहार करते हैं बच्चे भी वही सीखते हैं। सांसद श्री सोलंकी व उनकी पत्नी ने इन दुकानदारों के बीच बुजुर्गों से आशीर्वाद भी लिया।
सांसद श्री सोलंकी व उनकी पत्नी ने इन बच्चों को भी ऐसे संस्कार दिए, जिसका परिचय उन्होंने बाजार में दिया। सांसद श्री सोलंकी व उनके परिवार का यह व्यवहार देखकर दुकानदार बहुत खुश हुए। कुछ दुकानदारों ने तो सांसद परिवार के साथ सेल्फी भी ली। सांसद व उनके परिवार ने सड़क किनारे दुकान लगाकर बैठेने वाले इन लोगों के बीच जो खुशियां बांटी हैं, वह खुशी इन दुकानदारों के चेहरे पर साफ नजर आ रही थी। संभवत देवास में यह पहला अवसर है जब कोई सांसद अपने परिवार के साथ इस तरह बाजार में पहुंचा हो, और उन लोगों के व्यवसाय को बढ़ावा देने की बात कही हो जो सड़क किनारे दुकान लगाकर अपना छोटा-मोटा कारोबार करते हैं। इसके पूर्व भी सांसद श्री सोलंकी कई बार जनता के बीच पहुंचकर, उनके दुख-सुख में शामिल हुए हैं, और एक अच्छे जनप्रतिनिधि होने का परिचय उन्होंने दिया है। कोरोना काल में तो पीड़ित व्यक्ति की जानकारी मिलने पर तुरंत उनके पास पहुंचे थे और उन्हें आर्थिक मदद से लेकर अन्य व्यवस्था जुटाने में भी सहयोग किया था। सांसद के जनता के बीच इस तरह के सामान्य व्यवहार से जो संदेश आमजन में जाता है, उसका व्यापक असर होता है। कई लोग उन्हें फॉलो करते हैं जिसका लाभ इन छोटे व्यापारियों को मिलता है।
यदि अन्य जनप्रतिनिधि भी इस तरह जनता के बीच जाकर ऐसा संदेश दे तो, एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। खरीदारी करने के बाद जब सांसद श्री सोलंकी से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि हमें स्थानीय लोगों से सामग्री खरीदना चाहिए ताकि वह भी कुछ राशि कमा सके और अपने परिवार के साथ दीपावली का त्यौहार मना सके। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने का है। स्थानीय लोग जो अपने उत्पाद बनाकर बाजार में लाते हैं, उन्हें बढ़ावा देना चाहिए। अंत में सांसद श्री सोलंकी ने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दी ।