देश के ख्यात महान
कलाकार देंगे प्रस्तुति
देवास। यह सदी पदमविभूषण कुमार गंधर्व जी की शताब्दी है। इसमें कुमार जी की मोहक गायकी का रस घुला है। देवास जहाँ बहुत सारे देव देवी मिलकर पवित्रता, उच्च जीवन, मूल्यों, सात्विकता, भक्ति, और कला के अपूर्व संगम से इसे एक अलग रंग देते हैं और हमें गर्व है की देवासवासी इस परंपरा के वाहक और वारिस है। पद्मविभूषण से सम्मानित पंडित कुमार गंधर्व का यह जन्म-शती वर्ष है। 8 अप्रैल 2023 से अप्रैल 2024 तक इस सम्पूर्ण वर्ष में कुमार गंधर्व प्रतिष्ठान द्वारा देश के कई शहरों में शताब्दी के कार्यक्रम बड़े पैमाने पर आयोजित किए जा रहे हैं। उक्त जानकारी पत्रकार वार्ता में कलापिनी कोमकली एवं भुवनेश कोमकली ने देते हुए बताया कि। अब तक मुंबई, पुणे, कोल्हापुर, बैंगलोर, भोपाल, औरंगाबाद, दिल्ली, बनारस इत्यादि शहरों में अत्यंत सफल कार्यक्रम किए गए हैं जहां श्रोताओं का दिल खोलकर सहयोग मिला है। अब इसी कड़ी में जनवरी के 19, 20 और 21 को देवास में एक महाआयोजन होने जा रहा है जिसमें देश विदेश से कुमारजी को,उनके संगीत को चाहने वाले और विशेष रूप से देवास जो कुमारजी की कर्मस्थली रही हैं में इस आयोजन के गवाह बनने और उन्हें अपनी आदरांजलि देने के लिए आने वाले हैं। गायन सत्रों के अलावा सुबह के सत्रों में अलग अलग विधाओं से जुड़े नामचीन शख्सियत कुमारजी के संगीत को लेकर विमर्श करेंगे, कुछ अपने संस्मरणों को साझा करेंगे जिनमें कुमारजी के शिष्य सत्यशील देशपांडे,मुंबई हाइकोर्ट न्यायमूर्ती गौतम पटेल,जाने माने नाट्यकर्मी व्योमेश शुक्ल,जानेमाने गीतकार अभिनेता स्वानंद किरकिरे, विख्यात क्रिकेट कोच विलास गोडबोले, कृषि विशेषज्ञ अरुण डीके इत्यादी होंगे। इस तीन दिवसीय और पांच सत्रों के कार्यक्रम (19की शाम,20की सुबह और शाम, 21की सुबह और
शाम) के दौरान देश के मूर्धन्य कलाकारों के साथ अत्यंत प्रतिभावान युवा कलाकारों को भी सुनने का सुनहरा अवसर मिलने जा रहा है। प्रतिष्ठान द्वारा कुमारजी पर केंद्रित एक कैलेंडर का विमोचन भी शुक्रवार 19जनवरी को किया जाएगा,जो निश्चित ही संग्रहणीय एवं संस्मरणीय होगा। इस पूरे वर्ष के दौरान कुमारजी पर निकली विविध्व पुस्तकें और कैलेंडर को कार्यक्रम स्थल पर सशुल्क पाया जा सकेगा।