देवास के ही दो डॉक्टरों सहित भीलवाड़ा की महिला पर लगाया अवैध वसूली का आरोप
देवास। बेतहाशा दौलत जब हासिल हो जाती है, तो व्यक्ति के कदम भी गलत दिशा में बढ़ने लगते हैं और यह गलत कदम उसे एक दिन न सिर्फ गलत दिशा में ले जाते हैं, बल्कि उसका खामियाजा भी उसे कई तरह से भुगतना पड़ता है। ऐसा ही कुछ देवास में प्रतिष्ठित पेशे से जुड़े कुछ डॉक्टरों के साथ हुआ है। यहां के एक नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर हनी ट्रैप के शिकार हुए हैं, जिन्होंने खुद लाखों रुपए गंवाने के बाद पुलिस की शरण ली है। उक्त डॉक्टर ने कोतवाली थाना पुलिस को 11 पेज का एक आवेदन सौंपा है, जिस पर पुलिस ने दो स्थानीय डॉक्टरों सहित भीलवाड़ा की एक महिला के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नर्सिंग होम संचालक डॉ. पवन कुमार चिल्लौरिया ने कोतवाली थाने पर एक आवेदन दिया है। 11 पेज के इस आवेदन में लिखा है कि भीलवाड़ा की जोया नामक महिला ने उसे हनी ट्रैप का शिकार बनाया है और लगभग 9 लाख रुपए ऐंठ लिए हैं। डॉ. पवन चिल्लौरिया ने दो स्थानीय डॉक्टरों पर भी आरोप लगाया है कि वे भी इस वसूली में महिला के साथ संलिप्त हैं। पुलिस ने इस आवेदन को लेकर भीलवाड़ा निवासी जोया नामक महिला तथा स्थानीय डॉ. संतोष दाभाड़े तथा डॉ. महेंद्र गालोदिया निवासी टोंकखुर्द के खिलाफ धारा 384, 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। उधर इस मामले में पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में जांच चल रही है। जांच उपरांत पूरी स्थिति स्पष्ट होगी। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि कुछ अन्य नाम भी इस मामले में सामने आ रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि अभी इस मामले में स्पष्ट कुछ नहीं कहा जा सकता। जांच में यदि कोई पुख्ता प्रमाण सामने आते हैं तो सभी संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उधर इस पूरे मामले में कुछ अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। जहां एक तरफ डॉ. चिल्लौरिया ने 9 लाख रुपए ऐंठने की बात पुलिस को बताई है, वहीं सूत्रों की मानें तो इस मामले में 17 लाख रुपए की अवैध वसूली होने की बात सामने आ रही है। तो कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता भी उजागर हुई है। इस हाई प्रोफाइल मामले को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चा सामने आ रही है। डॉक्टर जैसे प्रतिष्ठित पेशे को शर्मसार करने का यह मामला पूरे शहर में सुर्खियों में है तथा नए-नए नाम सामने आ रहे हैं। बताया जाता है कि इस मामले में कुछ और पीड़ित लोग भी पुलिस को आवेदन दे सकते हैं। यह पीड़ित लोग भी मेडिकल व्यवसाय से ही जुड़े हुए हैं। हालांकि पूरा मामला पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगा।