देवास। रामनवमी के अवसर पर देवास जिले के हाटपीपल्या विधानसभा क्षेत्र में सेंधव राजपूत समाज द्वारा भव्य शौर्ययात्रा निकाली गई। इस शौर्य यात्रा में 70 गांवों के 5 हजार से अधिक समाज बंधुओं ने हिस्या लिया। इस भव्य शौर्ययात्रा को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां हाटपीपल्या विधानसभा क्षेत्र में तेज हो गई है। राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इस शौर्य यात्रा के माध्यम से हिंदूवादी नेता रायसिंह सेंधव ने अपनी ताकत दिखाई है। धार्मिक यात्राएं तो हाटपीपल्या में निकलती रहती हैं, लेकिन जिस भव्य पैमाने पर यह शौर्य यात्रा निकाली गई है, उसको देखकर ऐसा लगने लगा है कि कहीं न कहीं इस बार विधानसभा चुनाव में रायसिंह सेंधव अपनी प्रबल दावेदारी प्रस्तुत करने जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि रायसिंह सेंधव समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं तो भाजपा संगठन के लिए भी लगातार काम करते रहे हैं। हर बार उन्होंने चुनाव के समय संगठन स्तर पर जो आदेश मिला, उसका पूरी निष्ठा के साथ पालन किया। उन्हें समय-समय पर आश्वासन भी मिलते रहे। इसी का परिणाम है कि शायद सेंधव इस बार हाटपीपल्या विधानसभा क्षेत्र से मजबूत दावेदारी प्रस्तुत कर सकते हैं। इस शौर्य यात्रा को भी राजनीतिक हलकों में इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। शौर्ययात्रा की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाटपीपल्या स्थित सेंधव छात्रावास से निकाली गई यह शौर्ययात्रा जब देवगढ़ चौराहे पर पहुंच गई थी, तो उसका अंतिम हिस्सा छात्रावास में ही था। शौर्ययात्रा हाटपीपल्या के प्रमुख मार्गों से निकाली गई, जिसमें शामिल हजारों समाज बंधुओं ने अपने आराध्य भगवान श्रीराम के जयकारे लगाए। वहीं भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित झांकियां भी बनाई गई थी। शौर्ययात्रा का मार्ग में सैकड़ों मंचों से हजारों श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। शौर्ययात्रा में कई राजनेता एवं समाज के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हुए। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी शौर्ययात्रा का स्वागत किया। नगर की सड़कें फूलों से पट गई थीं। संभवत: नगर में पहली बार इतनी बड़ी शौर्ययात्रा निकाली गई। इस शौर्ययात्रा को देखकर सब यही कयास लगा रहे थे कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लगता है सेंधव समाज एकजुट हो गया है। शौर्ययात्रा में सेंधव समाज के प्रमुख दलों से जुड़े नेता शामिल हुए और उन्होंने एक मंच पर बैठकर यात्रा का नेतृत्व किया। यह देखकर राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट शुरु हो गई। शौर्ययात्रा में मप्र पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष व हिंदूवादी भाजपा नेता रायसिंह सेंधव, कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष अशोक कप्तान, पदमसिंह सेंधव, नाथूसिंह सेंधव, धर्मेन्द्र चौहान, सुरेंद्रसिंह चिलखी, राजकुमार सेंधव, दीपेंद्र सेंधव सहित हजारों की संख्या में समाजबंधु शामिल हुए।