आजाद अध्यापक शिक्षक
संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष ने
कहा, पहले विसंगतियां दूर
हों
देवास। शिक्षा विभाग की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन इसमें कई विसंगतियां सामने आई हैं। इन विसंगतियों में सही आंकड़े न होना, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में असंतुलन, और प्रक्रिया की अधूरी तैयारी शामिल हैं। इन समस्याओं को हल किए बिना, युक्तियुक्तकरण का लाभ कम हो सकता है।
शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन इस प्रक्रिया को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष अजयसिंह गौड़ ने कई विसंगतियां उजागर करते हुए इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया गलत नहीं है और शासन की मंशा अच्छी है, लेकिन इसमें कई विसंगतियां दूर नहीं की गई हैं। आपत्तियां पहले बुलवाई जानी चाहिए थीं। आनन-फानन में प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे कई तरह की परेशानियां खड़ी हो गई हैं। ग्रामीण क्षेत्र में कई विद्यालय अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में अतिशेष शिक्षक अधिक हैं। कई विद्यालयों में शिक्षक सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं, और शिक्षकों को इधर-उधर किया जा रहा है, जिसकी प्रक्रिया भी ठीक से अपनाई नहीं जा रही है। कई विद्यालयों में अतिशेष शिक्षक दर्शाए गए हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है, और कहीं पर अतिशेष शिक्षक हैं, लेकिन पोर्टल अपडेट न होने के कारण उन्हें दशार्या नहीं गया है। इन विसंगतियों को दूर किए बिना युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया अपनाना समस्या का समाधान नहीं है। आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के माध्यम से उच्च स्तर पर चर्चा कर इस प्रक्रिया को लेकर पहले विसंगतियां दूर करने की मांग की जाएगी।
विज्ञान सहायक के पद पर भी अतिशेष शिक्षक
अजयसिंह गौड़ ने बताया कि युक्तियुक्तकरण में विज्ञान सहायक के पद को भी अतिशेष शिक्षकों से भरा जा रहा है, जो कि तर्कसंगत नहीं है। भविष्य में अनुकंपा नियुक्ति इस पद पर दी जाएगी, लेकिन इसका जवाब किसी जिम्मेदार के पास नहीं है। माध्यमिक शालाओं में विज्ञान शिक्षक, जो वर्षों से पदस्थ हैं, उन्हें अतिशेष माना जा रहा है, पर उन्हें कहाँ एडजस्ट किया जाएगा, यह भी तय नहीं है।